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विक्रम विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग परिसर में बनी आयुर्वेद वाटिका: 108 औषधीय पौधों का किया गया रोपण, हर पौधे पर लिखा होगा किस रोग में है फायदेमंद!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को प्रकृति प्रेमियों ने एक अनोखी पहल की। पर्यावरण संरक्षण, हरियाली और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ यहां एक आयुर्वेद वाटिका बनाई गई। इसमें 108 औषधीय पौधों का रोपण किया गया, जिनमें से प्रत्येक पौधे की जानकारी के साथ यह भी बताया जाएगा कि वह किस रोग में लाभकारी है।
केमिस्ट्री विभाग परिसर में बनी आयुर्वेद वाटिका
यह वाटिका विक्रम विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग परिसर में बनाई गई। कार्यक्रम का संचालन और मार्गदर्शन महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद सरस्वती महाराज (आचार्य शेखर) और विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज के नेतृत्व में हुआ।
पौधारोपण के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार और पूजन विधि सम्पन्न हुई। महामंडलेश्वर महाराज के सानिध्य में पौधों को रोपा गया, जिससे यह आयोजन केवल पर्यावरणीय ही नहीं बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का भी बन गया।
इन संस्थाओं ने निभाई अहम भूमिका
आयुर्वेद वाटिका को साकार करने में कई संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी रही, जिनमें शामिल हैं –
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वसुंधरा हरियाली महोत्सव समिति
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पर्यावरण संरक्षण गतिविधि महानगर
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पर्यावरण प्रेमी परिवार सामाजिक सेवा संस्था
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महेश बंधन क्लब
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वर्चुअल कोचिंग क्लासेस
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विक्रम विश्वविद्यालय परिवार
इन संगठनों के सदस्यों और विद्यार्थियों ने मिलकर पौधारोपण किया।
स्वामी अतुलेशानंद महाराज का संदेश – “वृक्ष और संत दोनों परोपकारी”
कार्यक्रम के दौरान स्वामी अतुलेशानंद महाराज ने कहा – “वृक्ष और संत दोनों ही परोपकारी होते हैं। जो दूसरों के लिए सोचता है, भगवान स्वयं उसके लिए सोचते हैं। वृक्ष जीवन का आधार हैं। वे वंशवृद्धि करते हैं, आशीर्वाद देते हैं और आने वाली पीढ़ियों को संजीवनी प्रदान करते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए।”
पौधों की उपयोगिता की जानकारी भी मिलेगी
वसुंधरा हरियाली महोत्सव समिति के के.के. पवार ने बताया कि रविवार को 37 अलग-अलग प्रजातियों के आयुर्वेदिक पौधे लगाए गए। भविष्य में भी पौधारोपण का सिलसिला जारी रहेगा। खास बात यह है कि हर पौधे के पास उसका नाम और संबंधित रोगों में उपयोग की जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगी। इससे विद्यार्थी, शोधार्थी और आम नागरिक सभी को लाभ मिलेगा।
इन प्रमुख पौधों का हुआ रोपण
इस आयुर्वेद वाटिका में कई प्रमुख औषधीय पौधों का रोपण किया गया, जिनमें शामिल हैं –
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आंवला, अर्जुन, बेलपत्र, नीम, बहेड़ा, गुड़हल, जामुन, गंधराज, अपराजिता, लेमनग्रास, एलोवेरा, ब्राह्मी, गिलोय, तुलसी, सहजन, हर्रा, शतावरी, अश्वगंधा, शहतूत, पत्थरचट्टा, रुद्राक्ष और अन्य।
ये पौधे न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करेंगे, बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी देंगे।
विद्यार्थी और शिक्षक भी हुए शामिल
पौधारोपण कार्यक्रम में केमिस्ट्री विभाग की विभागाध्यक्ष उमा शर्मा, शिक्षकगण मुकेश वाणी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से हरियाली और स्वच्छता का संकल्प लिया।